UP नई जनसंख्या नीति | Uttar Pradesh 2 Child Policy Details | यूपी जनसंख्या कानून ड्राफ्ट तैयार | New Jansankhya Niti – उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग द्वारा यूपी जनसंख्या कानून तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य में जनसँख्या वृद्धि पर रोक लगायी जा सकेगी। उत्तर प्रदेश की जनसँख्या दुनिया के कई राज्यों से अधिक है, जिसके कारण राज्य के नागरिकों को उचित संसाधन उपलब्ध करवाना मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा UP Jansankhya Kanoon तैयार किया गया है। इस आर्टिकल में UP Jansankhya Kanoon से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी को विस्तार से बताया गया है जैसे यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव क्या है? लागू होने पर इसके तहत आने वाले लोगों को क्या लाभ होगा? इत्यादि। इसी प्रकार जो नागरिक यूपी जनसंख्या कानून के बारे में अधिक जानकारी हासिल करना चाहते है, वह इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें। [यह भी पढ़े- UP Bhulekh: यूपी भूलेख ऑनलाइन खसरा खतौनी नकल@upbhulekh.gov.in]
UP Jansankhya Kanoon Prastav
उत्तर प्रदेश के विधि आयोग द्वारा UP नई जनसंख्या नीति को बनाया गया है, जिसके माध्यम से राज्य बढ़ रही जनसँख्या वृद्धि को कानूनी उपायों द्वारा कम किया जायेगा। UP Jansankhya Kanoon Prastav को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है, जिससे राज्य के नागरिक इस प्रस्ताव को पढ़ सकेंगे। राज्य विधि आयोग द्वारा राज्य के नागरिकों से 19 जुलाई तक इस प्रस्ताव के लिए राय मांगी गयी है। नागरिकों को द्वारा दी गयी राय को राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। New Jansankhya Niti के तहत राज्य में जिस अभिभावक के दो या दो से कम बच्चे होते हैं, तो उनको राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएगी। यदि किसी अभिभावक के दो से अधिक बच्चे होते हैं, तो उनको सरकार द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाओं से वंचित रखा जायेगा। यदि इस प्रस्ताव को लागू करने पर जो नागरिक जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण में सहायता करेंगे, तो राज्य सरकार द्वारा उनको प्रोत्साहन दिया जायेगा। [यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश विवाह/शादी अनुदान योजना: UP Shadi Anudan Yojana, ऑनलाइन आवेदन]
- दो से अधिक बच्चे होने की स्थिति में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लग सकती है।
- इस प्रस्ताव में कानून का उल्लंघन करने वाले नागरिकों को 77 सरकारी योजनाओं और अनुदान से वंचित भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योजना
Overview of New Jansankhya Niti
आर्टिकल का नाम | यूपी जनसंख्या कानून |
आरम्भ की गई | उत्तर प्रदेश सरकार |
वर्ष | 2024 |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश के नागरिक |
आवेदन की प्रक्रिया | ——— |
उद्देश्य | जनसंख्या को नियंत्रित करना |
लाभ | दो या दो से कम बच्चों वाले अभिभावकों के लिए प्रोत्साहन |
श्रेणी | राज्य सरकारी योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट | http://upslc.upsdc.gov.in/ |
यूपी जनसंख्या कानून का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश के UP नई जनसंख्या नीति को शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य की बढ़ती हुई जनसंख्या को नियंत्रित करना है। आशा की जा रही है कि New Jansankhya Niti लागू करने से वह सभी परिवार जो परिवार नियोजन के उपायों को अपनाएंगे उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। इतना ही नहीं कानून का उल्लंघन करने वाले परिवारों को विभिन्न प्रकार के लाभों से वंचित भी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या को कम करने में UP Jansankhya Kanoon का एक बड़ा योगदान होगा जो संसाधनों का सामान आवंटन भी करवा सकेगा, यह कानून राज्य में गरीबी को कम करने में भी कारगर साबित होगा। इस नीति के सफलतापूर्वक तरीके से लागु हो जाने से उत्तर प्रदेश राज्य में रहने वाले नागरिकों को बहुत फायदा होगा, और इससे राज्य भी विकास की और अग्रसर होगा। [यह भी पढ़े- झटपट बिजली कनेक्शन योजना: UPPCL Jhatpat Connection @uppcl.org/jhatpatconn]
नवीन जनसंख्या नियंत्रण कानून बिल कब लागू होगा
यूपी सरकार द्वारा अगर इस बिल को सदन में पास करा लिया जाता है तो यूपी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख के एक वर्ष बाद लागू किया जायेगा। इस कानून के माध्यम से प्रत्येक जोड़े की विवाहित जोड़े के रूप में गणना की जाएगी और उन सभी को लाभ प्रदान किया जाएगा जिनके एक या दो बच्चे होंगे। [यह भी पढ़ें- PM Kisan 12th Installment Status (यहां देखे) Check Online at pmkisan.gov.in]
यूपी नए जनसंख्या नियंत्रण कानून बिल के अंतर्गत एक बच्चा होने पर क्या-क्या फायदे प्राप्त होंगे
- बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवारों को एक बच्चा होने पर विशेष प्रोत्साहन सुविधाएं प्रदान की गई है।
- 77 रुपए लड़के के लिए एक बच्चा होने पर और लड़की के लिए एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का लाभ उन माता-पिता को प्राप्त होगा जो एक बच्चा होने के पश्चात ऑपरेशन करा लेते है।
- इसके आलावा एक बच्चा होने पर लड़के को 20 साल तक मुफ्त शिक्षा और लड़की को उच्च शिक्षा प्राप्त होने तक मुफ्त शिक्षा सुविधा प्रदान की जाएगी।
- साथ ही उच्च उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति एवं सरकारी नौकरियों की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
दो से ज़्यादा बच्चे होने की स्थिति में क्या-क्या नुकसान होंगे
- इसके अंतर्गत यदि दो से ज़्यादा बच्चे होंगे तो वह किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओ का लाभ ग्रहण नहीं कर सकते। और नाहि किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है।
- वह नागरिक जिनके दो से ज़्यादा संतान होंगी वह किसी भी प्रकार के पंचायती को स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते है।
- इसके अलावा राशन कार्ड में भी चार से अधिक सदस्य नहीं शामिल किये जायेगे।
इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वालो के लिए क्या है फायदे?
- उन सरकारी कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा बहुत से फायदे प्रदान किये जायेगे, जिनकी दो संतान होंगी। दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ सरकारी कर्मचारी के द्वारा अपनी सर्विस पूर्ण करने की स्थिति में सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।
- इसके अतिरिक्त 12 महीने का मातृत्त्व व पितृत्व अवकाश पूर्ण वेतन और भत्ते के साथ दिया जायेगा। इसके अंतर्गत मुफ्त स्वास्थय सुविधा तथा जीवनसाथी का बीमा भी सरकार द्वारा किया जायेगा।
- राज्य सरकार द्वारा एक बच्चे वाले सरकारी कर्मचारी को चार अतिरिक्त इन्क्रीमेंट प्रदान किया जाएगा।
- प्रदेश सरकार प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट और पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने आदि सेवाओं का लाभ भी सरकारी कर्मचारी को प्रदान करेगी।
UP नई जनसंख्या नीति के लाभ एवं विशेषताएं
- राज्य विधि आयोग ने New Jansankhya Niti प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानूनी उपाय के सुझाव दिए गए हैं।
- जनता द्वारा 19 जुलाई तक UP Jansankhya Kanoon प्रस्ताव पर राय मांगी गई है, और इसके बाद जनता से प्राप्त हुई राय के अनुसार आयोग एक विचार के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को सौंप देगा।
- UP नई जनसंख्या नीति में दो या दो से कम बच्चे वाले अभिभावक विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
- इतना ही नहीं New Jansankhya Niti के तहत दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावक बहुत सी सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं से वंचित भी रहेंगे।
- कुल मिलाकर यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव लागू करने पर सरकार जनसंख्या नियंत्रण का कार्य आसानी से कर पाएगी।
यूपी जनसंख्या कानून का पालन ना करने पर नुकसान
वे सभी नागरिक जो UP New Jansankhya Niti का पालन नहीं करेंगे, उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें निम्न बताई निराशा का सामना करना पड़ेगा:-
- UP नई जनसंख्या नीति का पालन नहीं करने वाले नागरिकों को सरकारी योजनाओं से बाहर किया जा सकता है।
- सरकारी अनुदान का लाभ भी नहीं दिया जाएगा, और उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाएगा।
- वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे, और न ही ऐसे सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाएगी।
UP Jansankhya Kanoon के अपवाद
उत्तर प्रदेश में नयी जनसँख्या नीति के लागू किये जाने पर निम्नलिखित अपवाद शामिल होंगे : –
- पहले, दूसरे या दोनों बच्चों की मौत
- बहुविवाह की स्थिति
- पहले या दूसरे बच्चे की विकलांगता की स्थिति
- दूसरी गर्भावस्था से एक से अधिक बच्चो का जन्म
- एक दंपत्ति जो इस अधिनियम के लागू होने के समय तीसरे बच्चे के साथ गर्भवती है
- यदि किसी व्यक्ति के अपने दो बच्चे हैं और तीसरा बच्चा गोद लिया जाता है
यूपी जनसंख्या कानून के कार्यान्वयन के लिए सरकार की जिम्मेदारियां
यदि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा नयी जनसंख्या नीति को लागु किया जाता है तो सरकार द्वारा निम्न कर्तव्यों का निर्वहन किया जायेगा।
- परिवार नियोजन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाना, और इसके साथ ही गर्भावस्था, प्रसव, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करना।
- गर्भवती महिलाओं को आयरन और विटामिन कैप्सूल देना, और बच्चों का समय पर टीकाकरण करना तथा छोटे परिवार के लाभों के बारे में लोगों तक जानकारी फैलाना।
- राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर इस योजना में संशोधन किया जायेगा और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसूति केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
- उत्तर प्रदेश सरकार स्कूली पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण विषय को शामिल करेगी और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि राज्य के नागरिकों को गर्भ निवारक उपाय उपलब्ध कराए जाएं।
- यदि किसी भी कारण से नसबंदी ऑपरेशन सफल नहीं होता है, तो ₹ 50,000 का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
- यदि नसबंदी ऑपरेशन के अभाव में बच्चे का जन्म होता है, तो ऐसी स्थिति में यूपी जनसंख्या अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जाएगा और दंपति को सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे।
- एक राज्य जनसंख्या कोष भी स्थापित किया जाएगा जिसके माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
यूपी जन संख्या कानून ड्राफ्ट की मुख्य बाते
यूपी जनसंख्या कानून के मसौदे में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर इस विषय पर जोर दिया गया है। इन बातों को ध्यान से पढ़ें, हम आपको इसके बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। ये बिंदु इस प्रकार हैं-
- जिन माता-पिता के दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। अब राशन कार्ड में परिवार के 4 सदस्यों के नाम ही दर्ज होंगे।
- जो नागरिक सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं, उन्हें इस आशय का एक हलफनामा देना होगा कि वे कानून नहीं तोड़ेंगे।
- दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक। यदि दो से अधिक बच्चे हैं तो ऐसे नागरिकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।
- अगर किसी नागरिक के दो बच्चे हैं और दोनों विकलांग हैं और वे तीसरे बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में वे बच्चे को गोद ले सकते हैं, उस पर कोई रोक नहीं है। और ऐसे में तीसरे बच्चे को भी सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.
- यदि कानून लागू हो जाता है और कोई महिला प्रसव के दौरान जुड़वां बच्चों को जन्म देती है तो ऐसी स्थिति में वह कानून के दायरे में नहीं आएगी।
- स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण के बारे में पढ़ाने का सुझाव दिया जाएगा।
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बहुविवाह के मामले में विशेष प्रावधान
UP नई जनसंख्या नीति के प्रस्ताव में बहुविवाह के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। यदि UP Jansankhya Kanoon लागू होता है, तो धार्मिक या व्यक्तिगत कानून के तहत एक से अधिक विवाह करने वाले जोड़े के लिए एक विशेष प्रावधान निर्धारित किया गया है। जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक विवाह करता है और सभी पत्नियों से उसके दो से अधिक बच्चे हैं, तो पति सभी सुविधाओं से वंचित हो जाएगा लेकिन पत्नी को सभी सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। यदि महिला एक से अधिक विवाह करती है और सभी पतियों से उसके दो से अधिक बच्चे हैं, तो इस स्थिति में महिला सुविधाओं से वंचित हो जाएगी लेकिन उसके पति को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। [यह भी पढ़े- UP COVID-19 Beds Availability Status: CORONA Beds Free Beds Dashboard]