NIPUN Bharat Mission कार्यान्वयन, लक्ष्य, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन गाइडलाइन्स पीडीएफ | निपुण भारत मिशन 2024 क्या है, उद्देश्य, लाभ व लॉगिन जानकारी – भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक नई योजना को देश के छात्रों के लिए आरंभ किया गया है, जिसका नाम निपुण भारत मिशन है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से बदलाव किए जाएंगे, जिसके लिए सरकार द्वारा निरंतर विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त इस योजना के माध्यम से छात्रों तक संख्यात्मकता के ज्ञान तथा आधारभूत साक्षरता को पहुंचाया जाएगा। इस योजना को जल्द ही पूरे देश में आरंभ कर दिया जाएगा, इसे देश के सभी राज्यों में तथा सभी केंद्र शासित प्रदेशो में शुरू किया जाएगा। (यह भी पढ़ें- ESIC Online Payment: e-Challan Payment Generation, Login & Print Receipt]
निपुण भारत मिशन क्या है?
देश के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई को Nipun Bharat Mission को आरम्भ किया गया है, जिसका पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। सक्षम वातावरण का निर्माण इस योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसके जरिए छात्रों को संख्यात्मकता का ज्ञान तथा आधारभूत साक्षरता आदि प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा आरंभ निपुण भारत योजना के अंतर्गत सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता सभी बच्चो को प्रदान की जाएगी, इसके अलावा स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जाएगा। (यह भी पढ़ें- (Registration) Sail Pension Scheme: Download Application Form PDF][Read More]
Overview of Nipun Bharat Mission
योजना का नाम | निपुण भारत योजना |
आरम्भ की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
वर्ष | 2024 |
लाभार्थी | देश के तीसरी कक्षा के विद्यार्थी |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
उद्देश्य | तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान करना |
लाभ | तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी |
श्रेणी | केन्द्रीय सरकारी योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.education.gov.in/en |
निपुण भारत योजना का उद्देश्य
निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यामक्त के ज्ञान को स्थापित करना है। इस योजना के अंतर्गत तीसरी कक्षा के अंत तक सन 2026-27 तक देश के छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त यह योजना बच्चो के विकास के लिए अत्यंत कारगर साबित हो सकेगी, और सभी बच्चे आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान समय से प्राप्त कर सकेंगे, और इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास हो सकेगा। शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा Nipun Bharat Mission का संचालन किया जाएगा, इसके अतिरिक्त यह स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का हिस्सा होगी।[Read More]
निपुण भारत मिशन के लाभार्थी
- हेड टीचर
- नोन गवर्मेंट ऑर्गेनाइजेशन
- सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशंस
- स्कूल मैनेजमेंट कमिटी
- वॉलिंटियर
- कम्युनिटी एवं पेरेंट्स
- प्राइवेट स्कूल
- राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश
- नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन
- केंद्रीय विद्यालय संगठन
- स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग
- डिस्ट्रिक्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
- डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर
- ब्लॉक रिसोर्स सेंटर तथा क्लस्टर रिसोर्स सेंटर
योग्यता आधारित शिक्षा की विशेषताएं
- इसके अंतर्गत बच्चो को बहुत ही अनोखे अनुभव योग्यता आधारित शिक्षा से प्राप्त होंगे।
- इसके आलावा योग्यता आधारित शिक्षा से स्पष्ट तथा मापने योग्य सीखने के परिमाण आसानी से प्राप्त किए जा सकते है।
- रचनात्मक आकलन जोकि योग्यता आधारित शिक्षा से देखा जाता है उससे इस बात की जानकारी प्राप्त की जाती है कि किस क्षेत्र में छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने हेतु समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- समस्या समाधान दृष्टिकोण और आलोचनात्मक सोच दृष्टिकोण को भी योग्यता आधारित शिक्षा के जरिए से स्थापित किया जा सकेगा।
स्कूल बेस्ड असेसमेंट का लक्ष्य
बच्चों को इन्वॉल्व लर्नर बनाना
- कहानियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करना
- बच्चों को विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट एवं टास्क देना
- भौतिक वातावरण को समझने का मौका प्रदान करना
- आकलन के लिए श्रव्य दृश्य उपकरणों का निर्माण
- प्रश्न बैंक का विकास
- पोर्टफोलियो आदि
बच्चों को प्रभावी संचारक बनाना
- भाषा एवं मूलभूत साक्षरता के लिए उपायुक्त प्रदर्शन
- हंसोदापन भावना का विकास
- गैर मौखिक संचार को महत्व देना
- स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के तहत बच्चों की मातृभाषा को संचारक की भाषा बनाना जिससे कि वह अपनी बात संचारक के सामने रख सकें।
बच्चों का स्वास्थ्य
- शारीरिक विकास
- व्यायाम और खेल
- स्वच्छता के पहलू
- वस्तुओं, खिलौनों आदि को व्यवस्थित ढंग से रखना
- बच्चों की सामाजिक एवं भावनात्मक प्रगति आदि
शिक्षकों की क्षमता का निर्माण
- प्रारंभिक भाषा और साक्षरता के माध्यम से
- प्रारंभिक वर्षों में आकलन के माध्यम से
- प्रारंभिक वर्षों में परामर्श के माध्यम से
- प्रारंभिक अंकगणित के माध्यम से
- मूलभूत शिक्षार्थियों की समाज के माध्यम से
- प्रारंभिक वर्षों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान करना
- मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता में माता-पिता और समुदाय की भूमिका को बढ़ावा देना आदि।
निगरानी एवं सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
केंद्र सरकार द्वारा निपुण भारत मिशन के संचालन हेतु राज्य स्तर पर सन 2026-27 तक भिन्न भिन्न लक्ष्यो का निर्धारण किया जाएगा। नोडल विभाग द्वारा इन सभी लक्ष्यों पर नज़र रखी जाएगी, इस योजना के अंतर्गत राज्य को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता इसके कार्यान्वयन हेतु समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा योजनाएं बनाई जाएगी, जिसके माध्यम से भविष्य में सन 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। Nipun Bharat Mission की निगरानी राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से की जाएगी, जिसके अंतर्गत बच्चो की निगरानी भी क्षेत्र स्तर पर शामिल की जाएगी।[Read More]
अनुसंधान, मूल्यांकन तथा दस्तावेजीकरण की आवश्यकता
केंद्र सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की योजना के कार्यान्वयन में मूल्यांकन, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण आदि अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखते है। इसके अंतर्गत अनुसंधान के जरिए से शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किन प्रकार के प्रयास करने की जरुरत है इस बात की जानकारी प्राप्त होती है, इसके विपरीत इस योजना के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदम कितने सफल हैं इस बात की जानकारी मूल्यांकन के माध्यम से प्राप्त होती है, इसके अतिरिक्त सभी प्रमाणो के अभिलेखों की जानकारी दस्तावेजीकरण के माध्यम से होती है। Nipun Bharat Mission का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण होता है।
इसके अंतर्गत राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक एवं स्कूली स्तर अनुसंधान एवं मूल्यांकन किया जा सकता है, इस कार्य के लिए सरकार द्वारा बहुत सी तकनीकों को प्रयोग में लाया जाता है, उदहारण के लिए- एक्टिव रिसर्च, प्रोसेस इवेल्यूएशन, इंपैक्ट इवेल्यूएशन आदि। (यह भी पढ़ें- (APY) अटल पेंशन योजना: Atal Pension Yojana प्रीमियम चार्ट, ऑनलाइन आवेदन]