उत्तराधिकार प्रमाण पत्र 2024 प्रारूप डाउनलोड: ऑनलाइन आवेदन, UP Varasat Abhiyan Apply

Uttaradhikar Praman Patra Application, उत्तराधिकारी यूपी वरासत अभियान 2024 ऑनलाइन आवेदन करे, UP Varasat Abhiyan Apply Online – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का शुभारंभ किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा शुरू किया गया यह पहला अभियान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी तक इस अभियान को चलाने का निर्णय लिया है। वर्तमान में भूमि संपत्ति रिकॉर्ड के अद्यतन के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को चलाया जा रहा है। यह अभियान यूपी विराट योजना प्राकृतिक उत्तराधिकार अभियान के एक भाग के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी मुद्दों को समाप्त करेगा। वरासत अभियान उत्तर प्रदेश के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि पर हक जताने वाले भूमि माफियाओं पर अंकुश लगेगा और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राहत प्रदान की जाएगी। [यह भी पढ़ें- यूपी राशन कार्ड लिस्ट: UP Ration Card List | APL/BPL New List, राशन कार्ड सूची]

उत्तराधिकार प्रमाण पत्र 2024

राज्य सरकार का UP Varasat Abhiyan शुरू करने के पीछे उद्देश्य जमीन एवं संपत्ति के विराट के नाम पर ग्रामीणों के शोषण को समाप्त करना है। सरकार द्वारा चलाया गया उत्तराधिकार का यह अभियान लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवादों को खत्म करने में सहायता करेगा। इतना ही नहीं राजस्व विभाग के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के माध्यम से भू माफियाओं पर भी अंकुश लगाया जा सके जो मुख्य तौर पर ग्रामीण इलाकों में विवादित भूमि का लाभ लेते हैं। आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भूमि माफियाओं के कारण बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसके समाधान के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। इस नए अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के भूमि से जुड़े विवादों को हल किया जाएगा ताकि सभी नागरिकों को राहत मिल सके। इस उत्तराधिकार प्रमाण पत्र 2024 के सफलतापूर्वक लागू हो जाने से सभी लाभार्थियों को आने वाले समय में अपनी जमीन को लेकर किसी प्रकार की दिक्क्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा। [यह भी पढ़ें- UP मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, Jan Arogya Hospital नई लिस्ट]

उत्तराधिकार प्रमाण पत्र

Overview of Uttaradhikar Praman Patra

आर्टिकल का नामUP वरासत अभियान
आरम्भ की गईउत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा
वर्ष 2024
लाभार्थीराज्य के लोग
आवेदन की प्रक्रियाऑनलाइन
उद्देश्यलंबित पड़े भू समस्याओं का हल
लाभभू माफियाओं को अंकुश
श्रेणीउत्तर प्रदेश सरकारी योजनाएं
आधिकारिक वेबसाइटvaad.up.nic.in/index2.html

उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की भूमि / संपत्ति रिकॉर्ड को ऑनलाइन अपडेट करने में भूमिका

उत्तर प्रदेश में शुरू किए गए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र आवेदन के माध्यम से राज्य के 108000 राजस्व गांव में सालों से लंबे चले आ रहे भूमि संबंधित मामलों को निपटाने का कार्य किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लगता है कि यह वरासत अभियान उत्तर प्रदेश उनकी भूमि संबंधित बहुत ही समस्याओं के हल का कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के द्वारा यह अभियान 15 दिसंबर को शुरू किया गया। उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रारूप केवल भूमि विवाद को समाप्त करने में मदद ही नहीं करेगा बल्कि यह है लेखपाल के गैर जिम्मेवार व्यापार पर भी लगाम लगाएगा। [यह भी पढ़ें- यूपी MSME लोन मेला: ऑनलाइन आवेदन, UP MSME रोजगार संगम, Apply Online]

उत्तर प्रदेश वरासत अभियान में खतौनी में पंजीकृत नाम प्राप्त करें

राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र से किसी भी स्तर पर ग्रामीणों का शोषण नहीं होगा। लोग अब अपने घरों में बैठकर भूमि अभिलेख (खतौनी) में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर की गई व्यवस्था के तहत लोगों को ‘वारसैट’ के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जिनके पास गांव में जमीन है लेकिन वे कहीं और रह रहे हैं, उनके लिए तहसील स्तर पर एक विशेष काउंटर खोला जाएगा, जहां वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. [यह भी पढ़ें- UP Bhulekh: यूपी भूलेख ऑनलाइन खसरा खतौनी नकल@upbhulekh.gov.in]

Important Dates of Uttar Pradesh UP Varasat Abhiyan

यहाँ निम्नलिखित उत्तर प्रदेश में उत्तराधिकारी अभियान के लिए तिथि वार किए गए है, जो इस प्रकार है:-

15 दिसंबर से 30 दिसंबर तक होने वाली कार्यवाही

राजस्व ग्रामों में खतौनी पढ़ने और राजस्व ग्राम या तहसील अधिकारियों की ओर से लेखपाल की ओर से ग्रामवार अनुसूचियां बनाने, उनका सर्वेक्षण करने और विरासत के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया, आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए खुद को पंजीकृत करने की आवश्यकता है। सुविधा भी उपलब्ध है। आप जन सेवा केंद्र या राजस्व परिषद की वेबसाइट पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। [यह भी पढ़ें- IGRS AP – Search Encumbrance Certificate (EC) at registration.ap.gov.in]

1 फरवरी से 15 फरवरी तक होने वाली कार्यवाही

यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना विवाद के उत्तराधिकार का कोई मामला दर्ज न हो। डीएम, एडीएम, एसडीएम या अन्य जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा अविवादित उत्तराधिकार के सभी लंबित मामलों को सुनिश्चित किया जाएगा। [यह भी पढ़ें- AP Ration Card Status: Download aepos.ap.gov.in Ration Card List]

UP Varasat Abhiyan लेखपाल की गैर जिम्मेदारी

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि भूमि विवादों को संभालने के दौरान कई बार लेखपाल का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देखने को मिलता है। आमतौर पर लेखपाल इन मामलों में दिलचस्पी नहीं लेते हैं एवं भूमि विवाद के प्रति अनजान होते हैं। उत्तर प्रदेश के गांव में प्रतिवर्ष एक बड़ी संख्या में भूमि एवं संपत्ति विवाद से संबंधित शिकायतें होती हैं। इन शिकायतों का मुख्य कारण यह है कि भूमिया संपत्ति के विवादों पर लेखपाल के स्तर पर समय से निर्णय नहीं लिया जाता और भूमि से संबंधित मुद्दों के प्रति यह लेखपाल अनभिज्ञ होते हैं। इस समस्या के चलते ग्रामीण क्षेत्र को अपने समस्या के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बहुत से कठिनाइयों का सामना करने के बाद भी कई बार उनका नाम इन सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं होता। [यह भी पढ़ें- e Sadhana AP & TG: NHTS Data Entry Status, Report Download]

ऐसी थका देने वाली प्रक्रिया के चलते कई बार बहुत से ग्रामीण अपनी विरासत का विचार ही छोड़ देते हैं। इतना ही नहीं इस समस्या के चलते बहुत से ग्रामीणों एवं किसानों को बैंक से ऋण भी नहीं मिल पाता। यही वह समस्याएं हैं जिनके चलते परिवारों एवं रिश्तेदारों के बीच विवाद होता रहता है। [यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश विवाह/शादी अनुदान योजना: UP Shadi Anudan Yojana, ऑनलाइन आवेदन]

  • इन विवादों के हल के लिए बहुत से ग्रामीण कानून के मुकदमों को भी झेलते हैं जो कभी-कभी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलते रहते हैं।
  • इन सभी समस्याओं के हल के लिए उत्तर प्रदेश में श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने भूमि एवं संपत्ति के रिकॉर्ड के ऑनलाइन उपलब्धता के लिए वरासत अभियान उत्तर प्रदेश शुरू करने का निर्णय लिया है।
  • इस ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से लेखपाल को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र आवेदन की लॉगइन की उपलब्धता प्रदान की गई है। 
  • इसलिए इन समस्याओं के समाधान के लिए आपको लेखपाल के निर्दिष्ट कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बल्कि लेखपाल ग्रामीण क्षेत्र में नागरिकों के घर आकर उनकी इन समस्याओं का समाधान करेंगे।

उत्तराधिकार प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन कैसे करे?

यदि आप भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए यूपी विरासत अभियान के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा।

  • सबसे पहले आपको उत्तराखंड विरासत पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
  • इस पेज पर आपको दिए गए बॉक्स में अपना मोबाइल नंबर डालना होगा। मोबाइल नंबर भरने के बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजें के विकल्प पर क्लिक करें।
  • अब आपके दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से एक ओटीपी आएगा। इस ओटीपी को दिए गए और डीपी बॉक्स में भरिए और दिया गया कैप्चा कोड दर्ज करें।
  • कैप्चा कोड भरने के बाद लॉगिन करें का बटन दबाएं। अब आप उत्तर प्रदेश विरासत अभियान की अधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर जाएंगे।
  • इसके बाद आपको राजस्व संहिता की धारा 33(1) के उत्तराधिकार /  वरासत हेतु आवेदन (प्रपत्र 9 पूर्व में प क – 11(क)) की प्रविष्टि करे  के लिंक पर क्लिक कर देना है।
  • अब एक नया प्लीज आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर खुल जाएगा। इस पेज पर आप उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रारूप आवेदन पत्र देख सकते हैं।
  • इस आवेदन पत्र में मांग की गई सभी जानकारी ध्यान पूर्वक भरे। आपको इस आवेदन के कुल 4 भागों में मांगी गई जानकारी को भरना होगा।
  • सभी भागों में मांगी गई जानकारी ध्यान पूर्वक दर्ज करें और फिर आप इस आवेदन फॉर्म को जमा करवा दें। इस प्रकार आपके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और एक एक्नॉलेजमेंट आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर खुल जाएगी।

कांटेक्ट हेल्पलाइन

हमने आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। अगर इसके बाद भी आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आप हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके अपनी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। आप निम्न हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते हैं-

  • हेल्पलाइन नबंर- 0522-2620477
  • मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर- 1076
  • ईमेल आईडी- [email protected]

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